शांति धारा पाठ के मंत्र का उच्चारण करने से पापों का नाश होता है : नवरत्न सागर महाराज

मांगलिक कार्यक्रम संपन्न

डीपी न्यूज़ : प्रवीण कुमार कोठारी

आसपुर । श्वेतांबर जैन मंदिर आसपुर में आसपुर जैन समाज के तत्वावधान में चले रहे मांगलिक कार्यक्रम गुरु भगवंत की सानिध्य में महामांगलिक संपन्न हुआ।आचार्य श्री नवरत्न सागर महाराज शिष्यरत्न श्री आचार्य भगवंत मृदुरत्न सागर उपाध्याय प्रवर वैराग्य रत्न सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर में किसी भी अंग में किसी भी प्रकार की बिमारी होतो सुत्रो का स्वंण करने से सभी की बिमारी ठीक हो जाती है दवाई लेने की जरूरत नहीं है। व परमात्मा की ओम स्वाह ओम रिंम रिम वस्त स्वाह मंत्र का अर्थ बताया।वही कहा की इस जीवन में सबसे शांति कहां मिलेगी अपने आप में तन मन धन से ही शांति मिलती है अब हम स्वार्थी नहीं बनेंगे प्रमात्मा बनने की पहली सीढ़ी पार होती है दुसरे का सोचो किसी से मतभेद नहीं रखने से परमात्मा का आशिर्वाद रहता है मिच्छामि दुक्डम कहने से अपने पुरे पाप का निवारण होता है।


गुरु भगवान की महा मांगलिक की पहली बोली वाक्सस डालने की बोली गई भाग्यशाली शाह विपिन कुमार छोटालालजी पुनाली हाल मुकाम कनाडा परिवार ने बोली का लाभ लिया
व भाग्यशाली परिवारों ने लाभ लिया इस अवसर संघ अध्यक्ष अशोक भमावत,प्रवीण भमावत, नितुल भमावत, विपिन सुरावत, श्रीपाल सेमलावत, महेन्द्र भाई भमावत ,जन्तिलाल सेमलावत , महेश सेमलावत महिला मंडल अध्यक्ष राजेश्वरी बेन ठिना भमावत इलु भमावत मनिषा भमावत
वहीं संगीतकार मनीष मेहता जावरा से संगीत से समा बांधा सभी गुरु भक्तो ने अपनी गुरुभक्ति का परिचय दिया।अंत में कह शांति कि शांति धारा पाठ के मंत्र का उच्चारण करना से पापों का नाश होता है। इस अवसर पर जैन समाज के पुरूष व महिलाएं उपस्थित रही।

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