हरे पेड़ों की कटाई बदस्तूर जारी ,विभाग मौन पटवारियों की मिलीभगत के चलते हैं नहीं रुक रही है कटाई
साबला तहसील का मामला
आसपुर । पेड़ों की अवैध कटाई के लिए पटवारियों को जवाबदेह मानने के प्रशासनिक आदेशों के बावजूद साबला पंचायत समिति के कई क्षेत्रों में हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने का दौर बदस्तूर जारी है। उधर राजस्व कार्मिकों व विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते तस्करों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिसके चलते तस्करों द्वारा आए दिन पेड़ों के काटने का सिलसिला जारी है। जिससे रोजाना बड़ी संख्या में पेड़ धराशाई हो रहे हैं।
बोडीगामा पटवार मंडल के अंतर्गत क ई नींम व आम के पेड़ काट दिए गए हैं। बाद इसे नवा पादर के पास पेड़ों को काटकर स्टॉक किया गया है। जिसे रात में ट्रकों में भरा कर रवाना कर दिया जाता है। साबला के झरियाणा ,बोडीगामा, पिंडावल, पचलासा, तालॉरा में तस्करों द्वारा आए दिन हरे पेड़ काटे जा रहे हैं ।जिसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को देने के बाद भी मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। काटे गए पेड़ों को भरने के लिए इनके पास निजी क्रेन भी हैं। जो मिनटों में ट्रकों में भरकर रातों-रात रवाना कर देते हैं। ऐसे में कोई कार्यवाही नहीं करना मिलीभगत को इंगित कर रहा है। किसी पेड़ के काटने की सूचना मिलती है ,तो मामला दर्ज कर कुछ दिनों बाद लकड़ी की नीलामी की जाती है। नीलामी भी उसी व्यक्ति को की जाती है जिसने पेड़ों को कटवाया है। वही कुछ राशि सरकारी खाते में दर्शा कर इतिश्री कर ली जाती है। जिससे राजस्व आए तो हो जाती है, परंतु तस्करों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने से पेड़ों की कटाई नहीं रुक रही है। वही तस्कर पटवारियों की मिलीभगत के चलते रोज सैकड़ों पेड़ की बलि हो रही है। यदि समय रहते पेड़ों की कटाई को नहीं रोका गया तो वागड़ वृक्ष विहीन हो जाएगा ।वागड़ में पेड़ों की कटाई का कार्य स्थानीय व बाहरी तस्करो द्वारा किया जा रहा है।
” इनका कहना है ”
मैं मौके पर गया था मौका पर्चा बनाया है ।वन विभाग के अधिकारियों को भी सूचना दे दी है। और अभी तहसील में भी रिपोर्ट दे रहा हूं। दिशा गांधी तहसीलदार साब ला में इसको अभी दिखवा लेती हूं । – मुकेश सरगडा पटवारी बोड़ीगामा बड़ा
इनपुट : प्रवीण कुमार कोठारी