राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के घर ED की रेड,रियल एस्टेट निवेश में 48 हजार करोड़ के घोटाले का मामला

राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास के 19 ठिकानों पर आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम छापा मार रही है। जयपुर में एक और प्रदेश के अन्य 18 ठिकानों पर सुबह करीब 5 बजे टीमें पहुंच गई थीं। यह मामला रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) में हुए 48 हजार करोड़ के घोटाले से जुड़ा है। ED से मिली जानकारी के अनुसार, प्रताप सिंह और उनके परिवार के लोगों के नाम पर PACL में घोटाले का पैसा ट्रांसफर हुआ था। अधिकांश पैसा प्रॉपर्टी और अन्य सेक्टर में लगा दिया गया ।

पूर्व मंत्री के घर छापेमारी की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में जयपुर के सिविल लाइंस स्थित आवास पर समर्थक पहुंच गए। समर्थकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। मौके पर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने पूर्व मंत्री के आवास के बाहर खड़ी समर्थक की गाड़ी को लेकर आपत्ति जताई। उसी गाड़ी पर खड़े होकर समर्थक नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान समर्थकों की पुलिसकर्मियों से बहस भी हो गई। हालात को देखते हुए ईडी की टीम ने जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉज जोसफ और डीसीपी साउथ दिगंत आनंद से बात की। इसके बाद मौके पर तीन थानों की फोर्स भेजी गई। इस दौरान खाचरियावास भी आवास से बाहर आए और अपने समर्थकों को समझाया। तब जाकर मामला शांत हुआ।

लाखों लोगों के साथ हुई थी PACL में धोखाधड़ी

  • लाखों लोगों के साथ PACL में धोखाधड़ी हुई थी। इसके बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त CJI आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 महीने में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें।
  • SEBI के आकलन के अनुसार, PACL की 1.86 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है। PACL कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए SEBI ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे। इसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी व SEBI के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और SEBI जीत गई।

17 वर्ष तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली PACL में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49100 करोड़ का निवेश किया था। कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, MP, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं।

सबसे पहले जयपुर में इसका खुलासा होने पर FIR दर्ज हुई थी। जानकार सूत्रों की मानें तो इस केस में प्रताप सिंह की भागीदारी करीब 30 करोड़ की बताई जा रही है। ED की छापेमारी पूरी होने के बाद ही रिकवरी को लेकर कुछ कहा जा सकता है।

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा- ED केंद्र के अधीन है। इस डबल इंजन की सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकता। मेरे परिवार के सदस्यों के यहां बेवजह सर्च चल रहा है। हम पूरा सर्च करवाएंगे। ED के अफसरों से हम पूरा सहयोग करेंगे। BJP सरकार को मेरे बोलने से इतना दर्द है कि छापे डलवा दिए। मैं पिछले डेढ़ साल से इनके खिलाफ बोल रहा हूं। जो BJP और इनकी सरकार के खिलाफ बोलता है, उसके घर ये ED भेज देते हैं। मैं बोल रहा था तो मुझे भी पहले से पता था कि ED तो एक दिन पहुंचेगी, यदि पहुंचेगी तो मैं भी तैयार हूं।

खाचरियावास ने BJP नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा- BJP के लोगों से कहना चाहूंगा आप ही सरकार में नहीं रहोगे। सरकारें बदलती रहती हैं। जमाना बदलेगा। आपने यह कार्रवाई शुरू की है, कल BJP वालों के खिलाफ भी हम यही कार्रवाई करेंगे। डरते थोड़े ही हैं। मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरिवास है। मुझे सबका इलाज करना आता है।

 

 

Source : DB

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