राजस्थान की 62 नगर निकायों में प्रशासक नियुक्त:उपखंड अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी : जयपुर, उदयपुर समेत कई जिलों की नगर पालिकाओं में खत्म हुआ कार्यकाल
जयपुर,डीपी न्यूज नेटवर्क । राज्य सरकार ने आज आदेश जारी करते हुए जयपुर, उदयपुर,जालोर समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों की 62 नगर निकायों (नगर पालिका) में प्रशासक नियुक्त किए हैं। इन निकायों का कार्यकाल आज पूरा हो गया है। प्रशासन का जिम्मा सरकार ने यहां के उपखंड अधिकारियों को सौंपा है। इन प्रशासक को सरकार ने वित्तीय समेत अन्य अधिकार दिए है, जो यहां नए बोर्ड के गठन तक उपयोग करते हुए निकायों के कार्यों का संचालन करेंगे।
जयपुर, उदयपुर, ब्यावर, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, पाली, सिरोही, टोंक, बूंदी, बारां, कोटा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, डीग, अलवर, तिजारा-खैरथल, दौसा, झुंझुनूं, सीकर।
इन निकायों में लगाए प्रशासक
- जयपुर: बस्सी, वाटिका
- सीकर: अजीतगढ़
- झुंझुनूं: डूंण्डलोद, जाखल
- दौसा: मण्डावरी, बसवा
- कोटपूतली-बहरोड़: पावटा-प्रागपुरा, बर्डोद
- खैरथल-तिजारा: टपूकड़ा
- अलवर: बड़ौदमेव, गोविंदगढ़, बहादुरपुर, कठूमर, मालाखेड़ा, रैणी, नौगांव, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़
- डीग: सीकरी, पहाड़ी
- भरतपुर: उच्चैन
- धौलपुर: सरमथुरा, बसेड़ी
- करौली: सपोटरा, मंडरायल
- सवाई माधोपुर: खिरनी, खण्डार, बामनवास, वजीरपुर
- कोटा: सुल्तानपुर, सुकेत
- बारां: अटरू
- बूंदी: दई, हिण्डौली
- टोंक: दूनी, लाम्बाहरिसिंह, डिग्गी, पीपलू
- नागौर: बासनी, जायल
- जालोर: रानीवाड़ा, आहोर, सायला
- भीलवाड़ा: रायपुर, बिजौलिया
- सिरोही: जावाल
- पाली: मारवाड़-जंक्शन, सोजतरोड
- जोधपुर: भोपालगढ़, बालेसर-सत्ता
- गंगानगर: लालगढ़-जाटान
- हनुमानगढ़: टिब्बी, बालोतरा, सिणधरी
- उदयपुर: वल्लभनगर, मावली, खैरवाड़ा, ऋषभदेव
- राजसमंद: भीम
- चित्तौड़गढ़: आकोला
- ब्यावर: मसूदा
- बाड़मेर: गुड़ामालानी





इन नगर निकायों में चुनाव न होने के कारण या अन्य कारणों से कार्यकाल का समापन हुआ था, और अब सरकार ने इन निकायों के संचालन के लिए उपखंड अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया है। ये अधिकारी नगर पालिकाओं के सभी प्रशासनिक कार्यों की निगरानी करेंगे, वित्तीय प्रबंधन समेत सभी आवश्यक गतिविधियों को नियंत्रित करेंगे।
नए बोर्ड के गठन तक ये प्रशासक स्थानीय निकायों के कार्यों में कोई विघ्न न आने दें, इसके लिए उन्हें विशेष अधिकार प्राप्त होंगे। सरकार ने इस कदम के पीछे यह मंशा जताई है कि नगर निकायों के कार्यकुशल संचालन में किसी प्रकार की बाधा न आए और स्थानीय प्रशासन को सुदृढ़ बनाए रखा जा सके।
