विश्व धरोहर दिवस पर ऋषभदेव की अस्तित्व के लिए संघर्ष करती हुई ऐतिहासिक बावडियों के संरक्षण एवं जन जागरूकता हेतु वीकेवी छात्रों का भ्रमण

ऋषभदेव,शुभम जैन । विश्व धरोहर दिवस के उपलक्ष में विवेकानंद केंद्र विद्यालय ऋषभदेव के कक्षा दसवीं के छात्र -छात्राओं ने ऋषभदेव नगर में स्थित अस्तित्व के लिए संघर्ष करती हुई ऐतिहासिक धरोहर एवं जल का मुख्य स्रोत बावडियों के संरक्षण एवं जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत दादा भाई की बावड़ी पगलिया जी एवं सराय की बावड़ी पर विद्यार्थियों ने भ्रमण किया। प्रधानाचार्य डीके गुप्ता ने बताया कि विश्व धरोहर दिवस अथवा विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दिन को “स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस” (International Day for Monuments and Sites) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पूरे विश्व में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के महत्त्व,उनके अस्तित्व के सम्भावित खतरों व उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता लाई जा सके।


विश्व विरासत दिवस को मनाने का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत और विविधता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है।
इसी के तहत विवेकानंद केंद्र विद्यालय ऋषभदेव के कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों ने नगर के ऐतिहासिक बावडियों का भ्रमण कर अपने अस्तित्व के लिए संघर्षशील बावडियों के बारे में जाना एवं जो बावडिया पूर्व में आमजन के लिए जल का मुख्य स्रोत और सिंचाई के लिए वरदान के रूप में साबित होती थी, आज वह अपने अस्तित्व को खतरे में पा रही है । उसमें कचरा एवं गंदगी का विसर्जन के कारण उनका वास्तविक स्वरूप धीरे-धीरे विलुप्ति की ओर अग्रसर हो है। वर्तमान में पेयजल के स्रोत नल एवं नलकूप होने की वजह से इनके महत्त्व में कमी आई है। विद्यार्थियों ने भ्रमण कर लोगों को इन ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षण करने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इन ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करने हेतु आह्वान किया।

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