रामकथा मे शिव ही सत्य है सत्य ही शिव है प्रसंग सुनाया

बांसड़ा,कन्हैयालाल मेनारिया । रामकथा के दूसरे दिन साध्वी जी ने कथा में रामकथा के महत्व को बताया और कहा शिव ही सत्य और से ही शिव बताया और कहा ‘‘रामकथा कली कामद गई, सूजन संजीवनी मुरी सुहाई’’ । अर्थात राम कथा कलयुग के दोषों को खत्म करने वाली है रामचरितमानस के चार घाट बताए है ..

1. शिव –पार्वती

  1. गरुड़– कागभुसुंडी,
  2. याज्ञवक्लय–भारद्वाज
  3. तुलसीदास जी –संत।

साध्वी जी ने शिव पार्वती के विवाह का प्रसंग सुनाया , सती उनके पिता जी राजा दक्ष प्रजापति के यज्ञ में गई तो वहां अपने पति का अपमान होते हुए देखा तो वह अग्नि कुंड में समा गई । फिर पुनः सती जी में कठोर तपस्या कर के राजा हिमाचल के घर पार्वती जी के रूप में जन्म लिया और साधना कर शिव को प्राप्त किया ।

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