ओबीसी अधिकार मंच राजस्थान ने राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक में ओबीसी आरक्षण विसंगति को वापस नहीं लेने पर व्यक्त किया विरोध
उदयपुर,नितेश पटेल । ओबीसी अधिकार मंच राजस्थान के संयोजक डॉ नरेश पटेल (कलाल) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक में ओबीसी आरक्षण विसंगति को वापस नहीं लेने पर विरोध व्यक्त किया। डॉ नरेश पटेल ने बताया कि राज्य में ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर पिछले दिनों बाड़मेर, सूरतगढ़, चूरु, नागौर और विशाल धरना प्रदर्शन 30 सितंबर को जयपुर में किया गया था जिसके उपरांत राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शनकारी युवाओं को ओबीसी आरक्षण विसंगति को 48 घंटे में वापस लेने का आश्वासन दिया था जिस कारण धरना उसी दिन समाप्त कर दिया था लेकिन 48 घंटे का वादा करके सरकार अपने वादे से पलट गई और आगामी कैबिनेट बैठक में इसका निस्तारण करने की बात कही जाने लगी। लेकिन 9 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में भी ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर कोई निर्णय नहीं होने से आंदोलनकारी ओबीसी युवा अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सत्ताधारी दल के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा विपक्ष भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी ओबीसी वर्ग से आते हैं, इसके बावजूद भी ओबीसी आरक्षण विसंगति दूर नहीं होना राज्य के 65% ओबीसी समाज के युवाओं के सपनों की हत्या है। ओबीसी समाज का युवा अब चुप नहीं रहेगा। डॉक्टर नरेश पटेल ने बताया कि जल्द ही राजधानी जयपुर में सरकार विरोधी धरना बिना किसी राजनीतिक विचारधारा के बैनर तले ओबीसी बेरोजगार युवाओं के नेतृत्व में दिया जाएगा। आंदोलन में ओबीसी आरक्षण विसंगति दूर करने के साथ साथ ओबीसी की जातिगत जनगणना, ओबीसी को पदोन्नति में आरक्षण, टीएसपी क्षेत्र में ओबीसी को आरक्षण, शैडो पोस्ट का निर्माण की मांग रखी जायेगी। यदि जल्द ही राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण विसंगति में सुधार नहीं किया तो उपचुनाव सरदारशहर में भी कांग्रेस का विरोध किया जाएगा। साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा के राजस्थान में प्रवेश पर राहुल गांधी को राजस्थान में ओबीसी विरोधी अधिकारियों तथा ओबीसी विरोधी कांग्रेस के नेताओं के बारे में जानकारी दी जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा का विरोध भी किया जाएगा । डॉ नरेश पटेल ने राज्य के समस्त ओबीसी में आने वाले सभी समाजों से इस आंदोलन में अपनी आहुति देने की अपील की।