खेरवाड़ा थाना पुलिस पर लगे युवक के साथ मारपीट के आरोप : युवक की मां बोली – पहले कोर्ट बुलाया फिर अस्पताल आने को कहा; पुलिस बोली – लुट की योजना बनाते पकड़ा,मस्तिष्क फीवर की वजह से तबियत बिगड़ी

खेरवाडा,(डीपी न्यूज) । उदयपुर जिले के खेरवाड़ा थाना क्षेत्र में एक मां ने पुलिस पर अपने बेटे के साथ मारपीट के आरोप लगाए हैं। युवक की मां लीला देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस 17 अप्रैल को बेटे अभिषेक मीणा  को लेकर गई मारपीट की और उसके बाद बेटे को अस्पताल ले गए जहां उसकी हालत गंभीर हैं। मां ने आरोप लगाया कि बेटे के शरीर पर जगह जगह चोटें हैं और मेरे इकलौते बेटे की जान खतरे में है और अभी वह आईसीयू में भर्ती है ।

बंजारिया खेरवाड़ा निवासी मां लीलादेवी ने कहा कि उनके बेटे अभिषेक मीणा को खेरवाड़ा थाना पुलिस 17 अप्रैल को थाने लेकर गई। उसके 19 साल के बेटे अभिषेक को थाने ले जाने की सूचना तक पुलिस ने नहीं दी। मां ने कहा कि उसको जानकारी मिली कि उसी रात को पुलिस खेरवाड़ा में निजी अस्पताल में बेटे को लेकर गई जहां पर डॉक्टरों ने पुलिस को उसे उदयपुर ले जाने को कहा। बाद में पुलिस बेटे को उदयपुर के सरकारी अस्पताल में लेकर गई।

पहले कोर्ट बुलाया फिर अस्पताल आने को कहा

युवक की मां लीला देवी ने बताया कि उसके पास 18 अप्रैल को पुलिस की तरफ से फोन आया कि आपके बेटे को उदयपुर कोर्ट में पेश कर रहे हैं, आप कहां हो। उन्होंने कहा कि उदयपुर ही हूं। पुलिस ने कहा जल्दी कोर्ट आ जाओ। इस बीच 10 मिनट बाद वापस कॉल आता है कि आप एमबी अस्पताल के इमरजेंसी में आ जाओ बेटे को यहां भर्ती कराया है उसकी तबीयत खराब हो गई।

खेरवाड़ा थानाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने बताया कि अभिषेक को लूट की योजना के मामले में गिरफ्तार किया है, उसके साथ अन्य साथियों को भी पकड़ा है। वे कहते है कि अभिषेक के मस्तिक फीवर की वजह से उसकी तबियत बिगड़ी है। डॉक्टरों ने भी यहीं बताया।

युवक की मां ने बताया कि वह अस्पताल गई और देखा कि बेटे के शरीर पर जगह-जगह चोट आई हुई थी। उसके पैरों में और कान पर खून आ रहा था। हाथ सूज गया। गले में सूजन थी और कई जगह निशान थे। मां ने आरोप लगाया कि बेटे के साथ मारपीट की गई है।

युवक की मां लीला देवी ने बताया कि जब उसने पुलिसकर्मियों से सवाल किए कि बेटा बोल क्यों नहीं रहा तो पुलिस ने कहा कि इसने नशा कर रखा है, मां ने बोला कि मेरा बेटा कोई नशा नहीं करता है। मां ने बताया कि 2008 में इसके पापा की मौत हो गई तब यह 2 साल का था और आज मेरा इकलौता बेटा अस्पताल में भर्ती है। उसने कहा कि मेरे बेटे ने किसी की जान थोड़े ही ली है जो उसकी यह दशा कर दी। मृतक आश्रित के रूप में उदयपुर रोडवेज डिपो पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत मां लीला कहती है कि आज भी पुलिस उसे बेटे को नहीं मिलने दे रही है।

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