ऋषभदेव में सफाई व्यवस्था ठप्प : नगर के बाजारों और गलियों में जगह जगह कचरे के ढेर ; प्रशासन की उदासीनता के चलते नागरिकों में आक्रोश

ऋषभदेव,डीपी न्यूज नेटवर्क : भाजपा सरकार के एक अप्रत्याशित निर्णय के चलते हाल ही में नगरपालिका का दर्जा समाप्त कर पुनः ग्राम पंचायत का स्वरूप लेने वाले ऋषभदेव नगर में इन दिनों सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। नगरपालिका के भंग होने और ग्राम पंचायत के पूर्ण रूप से कार्यभार संभालने के बीच की संक्रमणकालीन अवधि में सफाई कर्मचारियों की कमी के चलते नगर में जगह-जगह कचरे के ढेर जमा हो गए हैं, जिससे नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
नगर के मुख्य बाजार, रिहायशी कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियां कचरे से बजबजा रही हैं, जिससे मच्छरों और अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगरपालिका के समय नियमित रूप से सफाई होती थी, लेकिन ग्राम पंचायत बनने के बाद से स्थिति बदतर हो गई है।
एक स्थानीय व्यापारी अभिषेक जैन ने बताया, “पहले हर सुबह सफाई कर्मचारी आते थे और कचरा उठाकर ले जाते थे। अब कई दिनों तक कोई दिखाई नहीं देता। दुकानों के सामने कचरा जमा होने से ग्राहकों का आना भी कम हो गया है।”
वहीं, गृहणी संगीता देवी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “घरों के आसपास इतनी गंदगी है कि बच्चों का बाहर खेलना भी मुश्किल हो गया है। बीमारियां फैलने का डर लगा रहता है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए।”
इस गंभीर स्थिति पर जब पूर्व सभापति मनीष मीणा से बात की गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि सफाई व्यवस्था में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि नगरपालिका के भंग होने के बाद सफाई कर्मचारियों हड़ताल पर चले गए है जिससे सफाई व्यवस्था ठप्प हो गई है एवं नगरपालिका भंग होने के बाद अभी तक ग्राम पंचायत का चार्ज दिया नहीं गया है । जिससे पंचायत के अनुरूप समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है ।
हालांकि, नागरिकों का धैर्य अब जवाब देता नजर आ रहा है। नगर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर न केवल गंदगी और बदबू फैला रहे हैं, बल्कि यह प्रशासन की उदासीनता का भी प्रतीक बन गए हैं। नागरिकों की मांग है कि ग्राम पंचायत प्रशासन जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए और नगर की सफाई व्यवस्था को पुनः सुचारू करे, ताकि वे स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण में जीवन यापन कर सकें।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ग्राम पंचायत प्रशासन इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है और कब तक नगर को इस कचरे के ढेर से मुक्ति मिलती है। फिलहाल, ऋषभदेव के नागरिक गंदगी और बीमारियों के डर के साए में जीने को मजबूर हैं।