राजस्थान पथ परिवहन निगम : उदयपुर में रोडवेज के सभी काउंटर बंद, बसों में मिलेंगे टिकट, सीटों पर विवाद व भ्रष्टाचार बढ़ेगा
उदयपुर,डीपी न्यूज नेटवर्क । राजस्थान पथ परिवहन निगम (राेडवेज) के उदियापोल स्थित केंद्रीय बस स्टैंड पर अब यात्रियों को काउंटर पर टिकट नहीं मिलेंगे। इसके बजाय या तो ऑनलाइन बुकिंग करानी पड़ेगी या बस में ही टिकट दिए जाएंगे। रोडवेज ने यहां स्थित सभी 6 टिकट काउंटरों को बंद कर दिया है। इनमें एकमात्र रिजर्वेशन काउंटर भी शामिल है। ऐसे में बस स्टैंड पर एडवांस बुकिंग भी नहीं होगी। इसके लिए मौखिक रूप से आदेश जारी हुए हैं।
दूसरी ओर, राेडवेज कर्मचारियाें की यूनियन का आराेप है कि निजी हाथाें में साैंपने के लिए प्रदेशभर में इस तरह काउंटर बंद किए जा रहे हैं। उदयपुर डिपाे (बस स्टैंड) से 82 बसाें समेत अन्य डिपाे की करीब 300 बसाें का राेज संचालन हाेता है। रोज 14 हजार यात्री आते-जाते हैं।
डिपाे से प्रदेश के छाेटे-बड़े शहराें के साथ गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश तक के लिए बसाें का संचालन होता है। टिकट काउंटर पर टिकट की बिक्री से राेजाना 14 लाख रुपए से ज्यादा राजस्व मिलता था। आगार डिपाे पर 6 टिकट काउंटर बने हुए हैं। यहां दाे शिफ्ट में कर्मचारी काम करते हैं। पहली शिफ्ट सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक हाेती है। इसके बाद दाेपहर 12 बजे से रात 7 बजे तक दूसरी शिफ्ट हाेती है। एक काउंटर रातभर खुला रहता है। यानी की दाे शिफ्ट के हिसाब से 12 कर्मचारी चाहिए। अभी 6 कर्मचारी इन काउंटर काे चला रहे थे। इसमें कुछ काउंटर ताे सुबह की शिफ्ट के बाद बंद हाे जाते थे।
काउंटर बंद हाेने से बसों की रवानगी से पहले कंडक्टर को दी जाने वाली यात्री के नाम व सीट नंबर संबंधी पर्ची देने वाला काेई नहीं है। ऐसा ही वाक्या साेमवार काे डिपाे पर देखने काे मिला। उदयपुर से बांसवाड़ा जाने के लिए डिपाे पर पहुंचे यात्री की बस समय से पहले ही रवाना हाे गई। यात्री याेगेश शर्मा ने बताया कि उन्हाेंने ऑनलाइन टिकट बुक करवाया था। बस का समय 6:10 बजे था, लेकिन भीड़ ज्यादा हाेने से बस काे 5 बजकर 45 मिनट पर रवाना कर दिया। ऐसे में उनकी बुकिंग हाेने के बावजूद बस समय से पहले रवाना हो गई।
सीट के लिए लड़ाई झगड़े होंगे
काउंटर बंद होने से वहां लगने वाली लाइन भले ही खत्म हाे जाएगी, लेकिन समस्या यह है कि बस में मिलने वाले टिकट का सीट नंबर नहीं मिलेगा। इससे जो पहले चढ़ेगा, वह सीट पर कब्जा करेगा। यात्रियाें में लड़ाई- झगड़े बढ़ने की आशंका रहेगी। सीट कन्फर्म नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों को होगी।
टिकट नहीं देकर यात्रा करवाने जैसे मामले बढ़ेंगे
इससे सरकार को रेवेन्यू के नुकसान के साथ भ्रष्टाचार में बढ़ाेतरी की आशंका रहेगी। सब कुछ बस स्टाफ के हाथ के रहेगा। अनुबंध पर होने से बसाें में टिकट कम बनाकर सीधे पैसे लेकर यात्रा करने जैसा फर्जीवाड़ा होगा। आदिवासी इलाका होने से यह फर्जीवाड़ा ज्यादा होने की आशंका है।
ऑनलाइन बुकिंग में भी सीट मिलने पर संशय
यात्री अपनी पसंद की सीट सिर्फ ऑनलाइन बुकिंग करवा कर ही ले सकेंगे। लेकिन सीट नहीं मिलने का दारोमदार बस के स्टाफ पर रहेगा। वैसे भी राेडवेज में करीब पांच प्रतिशत टिकट ही ऑनलाइन बुक हाेते हैं। बाकी बचे हुए यात्री डिपाे पर काउंटर से अपना टिकट कटवाते हैं।
बसों के आने-जाने की जानकारी देने वाला कोई नहीं
टिकट काउंटर बंद हाेने से यात्रियाें को बसाें के बारे में जानकारी देने वाला कोई नहीं मिलेगा। सिर्फ चालक और परिचालक से बस की जानकारी ली जा सकेगी। बस समय पर आए या समय से पहले रवाना हाे जाए, इस संबंध में भी काेई पूछने वाला नहीं है। अभी डिपाे पर बस के रवाना हाेने के समय टिकट काउंटर से सीट बुकिंग की पर्ची निकालकर परिचालक काे दी जाती है। इसमें यात्री का नाम, नंबर और सीट की जानकारी रहती थी। यह मिलने के बाद ही बस रवाना हाेती थी।
रोडवेज प्रबंधक बोले-हमने मुख्यालय से स्टाफ मांगा है
रोडवेज के प्रबंधक हेमंत शर्मा ने बताया कि कर्मचारियाें की कमी के कारण यह फैसला लिया गया है। स्टाफ काे काउंटर से हटाकर उनकी ड्यूटी रूट पर लगाई गई है। बस स्टैंड पर टिकट काउंटर का संचालन जारी रखने के लिए मुख्यालय से स्टाफ देने को पत्र लिखा है।
धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में ऐसा कर रहे : कर्मचारी संगठन
राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन भामसं के प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि यह राेडवेज के निजीकरण की साजिश है। माैखिक आदेश पर टिकट काउंटर बंद किए हैं। सरकार काउंटर को प्राइवेट एजेंसी काे देना चाहती है। हर शहर में डिपाे के बाहर काउंटर पहले से ठेके पर दे रखे हैं। इसी सिस्टम काे यहां लागू किया जा रहा है। इससे फर्जीवाड़ा, रेवेन्यू में नुकसान के साथ यात्री परेशान होंगे।
