डुंगरपुर : चिकित्सा विभाग ने फर्जी हॉस्पिटल किया सीज, 10वी फेल झोलाछाप कर रहा था उपचार, गर्भपात कराने वाली दवाईयां भी मिली

डूंगरपुर में हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने एक फर्जी अस्पताल को सीज किया है। यह अस्पताल 3 साल से चल रहा था। 10वीं फेल झोलाछाप अस्पताल का संचालन कर रहा था। इस दौरान टीम को मौके से गर्भपात संबंधी दवाएं भी मिली हैं। मामला सीमलवाड़ा के राजस्थान-गुजरात के पुनावाडा बॉर्डर का है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि फर्जी झोलाछाप डॉक्टर तीन साल पहले अहमदाबाद के एक हॉस्पिटल में सफाई कर्मचारी था। इसके बाद डूंगरपुर में आकर फर्जी हॉस्पिटल भी खोल लिया।

अस्पताल में थे 8 बेड

बीसीएमएचओ डॉक्टर नरेंद्र प्रजापत (40) ने बताया कि 8 बेड का यह फर्जी अस्पताल 3 साल से संचालित किया जा रहा था। अस्पताल में एक प्रसूता और एक अन्य मरीज भर्ती थे। जिसमें एक का एक दिन पहले ही प्रसव कराया था। दूसरी महिला मरीज उल्टी-दस्त से पीड़ित थी। अस्पताल में भर्ती दोनों महिलाओं को डूंगर सारण सीएचसी में भर्ती करवाया गया है।

झोलाछाप 3 साल पहले था सफाईकर्मी

बीसीएमएचओ ने बताया कि गुजरात का निवासी झोलाछाप जितेंद्र भगोरा 3 साल पहले तक गुजरात के अहमदाबाद में एक निजी अस्पताल में सफाई कर्मचारी था, जहां पर वह प्रसव, ड्रिप लगाना सीखा और खुद का अस्पताल पूनावाडा में खोल दिया। कार्रवाई की सूचना मिलने पर झोलाछाप फरार हो गया।

खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता था झोलाछाप

बीसीएमएचओ ने बताया कि झोलाछाप राजेंद्र भगोरा खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता था। वह एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर की तरह क्लिनिक में आने वाले मरीजों का इलाज करता था। आदिवासी क्षेत्र में भोले-भाले और गरीब लोग इस फर्जी डॉक्टर के झांसे में आकार इलाज करवाते थे। कई बार अनचाहा बच्चा होने पर वह महिलाओं का गर्भपात भी करवाता था। केस बिगड़ने पर वह मरीजों को सरकारी अस्पताल या दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर देता था।

गर्भपात करवाने वाली टैबलेट मिली

बीसीएमएचओ ने बताया कि अस्पताल में 22 तरह की दवाइयां मिली हैं। इसमें गर्भपात करवाने वाली 8 टैबलेट के अलावा डिलेवरी के समय काम में लेने वाले 15 ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन भी जब्त किए हैं। ये इंजेक्शन एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ही गर्भवती महिला को दे सकती है, लेकिन झोलाछाप गर्भापत के लिए इसका इस्तेमाल करता था। इसके साथ ही नींद, बीएनएस, एनएस की ड्रिप, बीपी इंस्ट्रूमेंट मिले हैं।

बीसीएमएचओ डॉक्टर नरेंद्र प्रजापत ने बताया कि झोलाछाप जितेंद्र भगोरा के खिलाफ धंबोला थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा। फर्जी अस्पताल जहां चल रहा था, उस भवन को एक सरकारी शिक्षक ने किराए पर दिया है। फिलहाल पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी की तलाश करेगी।

 

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