साइबेरिया से प्रवास पर रुण्डेड़ा पहुचे पेलिकन पक्षी, रुण्डेड़ा तालाब की बढ़ा रहे हैं सुंदरता

रुण्डेड़ा तालाब पर आकर्षण का केंद्र बने पेलिकन पक्षी, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर पहुँच रहे है तालाब पर

वल्लभनगर । सर्दी की शुरुआत के साथ ही मेवाड़ के जलाशयों पर हजारो किलोमीटर लंबा सफर तय कर साइबेरिया ओर यूरोपीय देशों के पक्षी अपनी अटखेलियो से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। वही पेलिकन पक्षी इन दिनों रुण्डेडा तालाब पर काफी संख्या में दिखाई दे रहे है। रुण्डेडा तालाब पर प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा है जिन्हें देखने कई पक्षी प्रेमी पहुंच रहे है। प्रवासी पक्षियों में खास मेहमान गूज ओर पेलिकन तालाब पर विशेष आकर्षण बने हुए है। रुण्डेडा तालाब पर करीब 35 गूज ओर 20 पेलिकन पक्षी देखे गए है। पेलिकन साइज में बहुत बड़ा पक्षी है जो तैरते हुवे ओर भी मनमोहक लग रहे है। पेलिकन बडे समुद्री पक्षियों में आता है जो वजनदार व बड़े आकार का उड़ने वाला पक्षी है इसमें नर पक्षी का वजन 7 से 15 किलोग्राम तक होता है। इतना वजन होने के बावजूद यह मजबूत व तेज उड़ने वाला पक्षी है। साइबेरिया से प्रतिवर्ष ये पक्षी भारी संख्या भारत में आते हैं। पिछले दो तीन सालों से सर्दियों में ये पक्षी रुण्डेडा तालाब पर देखे जा रहे है। ये मुख्यता साइबेरिया और पूर्वी यूरोपिय देशों से जब वहां बर्फ पड़ने लगती है तो हजारों किलोमीटर उड़ान भरकर प्रजनन व भोजन के लिए ये पक्षी भारत में आ जाते हैं। शीत ऋतु की दस्तक के साथ ही इस पक्षी का भारत में आना आरंभ हो जाता है। यह पक्षी प्रवास के दौरान आसमान में ऊंचाई पर वी आकार में उड़ कर आते है। स्थानीय पक्षी मित्रो की टीम ने पक्षियों की अनेक प्रजातियों को बारीकी से देखा और पक्षियों की अठखेलियां अपने कैमरे में कैद किया।

यह पक्षी देखे जा रहे है रुण्डेड़ा तालाब पर

पक्षी मित्रो की टीम के लखन मेनारिया, राजकुमार मेनारिया, रामेश्वर हिमावत, प्रह्लाद मेनारिया, अजय जणवा, कैलाश जणवा ने बताया कि पेलिकन, रेड नेप्ड आइबिस, ग्लॉसी आइबिस, कॉमन पोचार्ड, हेरॉन, सारस, पेंटेड स्टोर्क, वॉली नेक्ड स्टोर्क,रडी शेल डक, किंगफिशर, कोरमोरंट, गुज, ग्रेट कस्टर्ड ग्रेब एवम दुर्लभ पक्षी ब्लेक नेक्ड ग्रेब सहित अनेक देशी ओर विदेशी पक्षियों की अनेक प्रजातियां तालाब पर देखी गई है।

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