मेनार चारभुनाथजी मंदिर कलश, ध्वजादंड स्थापना 5 फरवरी को, 9 कुंडीय होगा हवन
हवन कुंड बनाने का कार्य हुआ शुरू, ओंकारेश्वर चबूतरे का कार्य हुआ पूर्ण
वल्लभनगर । ऋषि मुनियों की तपोभूमि, शौर्य, बलिदान एवं त्याग के लिये प्रसिद्ध कुल देवी माँ अम्बा के चरणों में फलित, झीलो के मध्य स्थित, बर्ड विलेज के नाम से प्रसिद्ध, मेवाड़ की धरा मेनार में ओंकारेश्वर चौक स्थित प्राचीन श्री चारभुजा मन्दिर के जिर्णोद्वार उपरान्त मन्दिर पर स्वर्ण कलश, ध्वजादंड स्थापना एवं श्रीमद् भागवत् कथा के आयोजन को लेकर समस्त ग्रामवासी तैयारियों में जुटे गए हैं। भगवान चारभुजानाथजी के कार्यक्रम में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे जिसके लिए गांव में अलग-अलग मोहल्लों के अनुसार समितियां बनाकर लोगो को कार्य का जिम्मा सौंप दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि 28 जनवरी से 3 फरवरी तक जिरण, नीमच (मध्यप्रदेश) के कथावाचक रमेश वैष्णव के मुखारबिंद से श्रीमद भागवत कथा का आयोजन होगा तथा 01 फरवरी से 5 फरवरी तक 9 कुंडीय हवन होगा। जिसमें 3 फरवरी को मंदिर वास्तु हवन सुबह 9 बजे से 1.30 बजे तक होगा तथा डेढ़ बजे से भगवान का शिखर स्नान एवं 108 कलश स्नान होगा।
इससे पूर्व एक फरवरी को जल यात्रा, मंडल प्रवेश एवं अग्नि प्रवेश होगा। यज्ञ प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे से सांय 7 बजे तक होंगा तथा 5 फरवरी सुबह 10 बजे के करीब हवन की पूर्णाहुति होगी। पंडित अम्बालाल शर्मा, सराड़ी के अनुसार पूर्णाहुति पश्चात रवि पुष्य नक्षत्र योग में 5 फरवरी सुबह 10.40 से दोपहर 12.12 तक कलश, ध्वजादंड, भोग एवं महाआरती का आयोजन होगा।
कार्यक्रम को लेकर ओंकारेश्वर चौक स्थित ओंकारेश्वर चबूतरे की कोटा पत्थर लगवाकर मरम्मत करवा दी है तथा मधुश्याम प्रांगण में 9 कुंडीय हवन के लिए हवन कुंड बनाने शुरू कर दिए, जिनका निर्माण जारी है तथा विधायक मद से मंदिर प्रांगण के सामने इंटरलॉकिंग हेतु 2 लाख रुपये की स्वीकृति जारी हो चुकी है जिससे इंटरलॉकिंग का कार्य भी जल्द शुरू होगा। वही इस कार्यक्रम को लेकर प्रतिदिन कार्य व्यवस्था के मद्देनजर ग्रामीणों की मंदिर प्रांगण में बैठक होती है।