साँवलिया सेठ के दरबार मे नववर्ष पर भक्तों का लगा तांता

उदयपुर । प्रख्यात कृष्ण धाम सांवलिया जी मंदिर थर्टी फर्स्ट तथा नव वर्ष के अवसर पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा लगातार 18 घंटे से ज्यादा समय तक मंदिर को जोड़ने वाले सड़क मार्ग श्रद्धालुओं की भीड़ से अटे रहे इन दो दिवस पर श्रद्धालुओं की संख्या ने जलझूलनी एकादशी मेले का भी रिकार्ड पीछे छोड़ दिया है जानकारी के अनुसार सांवलिया जी मंदिर में 15 वर्ष पहले थर्टी फर्स्ट व अंग्रेजी नववर्ष का कोई महत्व नहीं था लेकिन एक प्रचलन ऐसा चल पड़ा कि इन 15 वर्षों में हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालु अब लाखों में तब्दील होने लग गए हैं इसका अनुमान इस वर्ष ना तो मंदिर प्रशासन को था नहीं पुलिस विभाग को इतनी जानकारी थी सांवलिया जी मंदिर में थर्टी फर्स्ट के अवसर पर शनिवार दोपहर बाद श्रद्धालुओं के रेले आने शुरू हुए जो निरंतर जारी थे हालांकि पुलिस प्रशासन ने वाहनों को रोकने के लिए 2 दिन पहले ही इंतजाम करके दोपहर 12:00 से कस्बे से बाहरी वाहनों का पार्किंग शुरू करा दिया इसी वजह से भीड एक जगह इकट्ठी नहीं हो पाई पूरे कस्बे में बिखर गई अधिकतर भीड़ दर्शनार्थियों की रही दर्शन के लिए शनिवार को 2:30 बजे शयन झांकी के बाद श्रद्धालुओं की कतारें शुरू हुई जो रात 11:00 बजे तक जारी रही इसके बाद रविवार तड़के 5:00 बजे से श्रद्धालुओं की कतारें पुनः दर्शन के लिए लग गई जो सांय 6:00 बजे तक थमने का नाम नहीं ले रही थी श्रद्धालुओं की कतारें कुरेठा नाका को पार कर गई हालांकि कतारें तीन श्रेणी में होने के बाद भी इतनी लंबी लाइन पहले कभी नहीं देखी गई अबकी बार वीआईपी दर्शन के अधिकार द्वार शक्ति से बंद करने के कारण अधिकांश श्रद्धालु के सिंहद्वार से ही प्रवेश किया श्रद्धालुओं की इतनी संख्या आज दिन तक किसी ने नहीं देखी नहीं सुनी है कस्बे वासियों का मानना है कि इतनी भीड़ तो जलझूलनी एकादशी के 3 दिन से मेले में भी नहीं पहुंची है पुलिस का अनुमान है कि श्रद्धालुओं की संख्या 4 से 5 लाख हो सकते है लेकिन इन 2 दिनों में तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
पद यात्रियों की संख्या एक लाख इन 2 दिनों में शामलाजी मंदिर मैं दर्शन करने आने वाले यात्रियों की संख्या भी एक लाख से अधिक मानी जा रही है बताया जा रहा है कि इन दो दिनों से सांवलिया जी को जोड़ने वाले 45 सड़क मार्गों पर शनिवार दोपहर से शुरू हुई पद यात्रियों की लाइने रात भर चलती रही तथा रविवार सांय तक यही क्रम रहा बड़ी संख्या में श्रद्धालु डीजे ढोल पर नाचते गाते हुए भी मंदिर में पहुंचे
भजन संध्या व आतिशबाजी… थर्टी फस्ट व नववर्ष के उपलक्ष में सांवलिया जी कस्बे के कई धर्मशाला गेस्ट हाउस तथा होटलों में रात भर भजन संध्या का आयोजन हुआ इधर सायंकाल मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं ने नव वर्ष आगमन की खुशी में जमकर आतिशबाजी भी की आतिशबाजी का दौर रविवार प्रातः तक जारी था।
भगवान का आकर्षक श्रंगार.. नव वर्ष के उपलक्ष में भगवान सांवलिया सेठ की प्रतिमा का आकर्षक श्रंगार किया गया इसमें भगवान को तिरुपति बालाजी के स्वरूप में दर्शाया गया वहीं नववर्ष के आगमन में सांवलिया जी मंदिर के बैंड कलाकारों ने आरती सहित कई धार्मिक धुनों पर राजभोग आरती के दौरान भजनों की स्वर लहरिया बिखेरी।
पुलिस जाब्ता तथा मंदिर कार्मिक कम पड़े.. इस वर्ष अपेक्षा से ज्यादा श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पहुंच जाने के कारण यहां मंदिर सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के लिए लगाए गए पुलिस जाब्ता भी कम पड़ गया हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मी तथा अन्य मंदिर कर्मचारियों को भी दर्शन व्यवस्था प्रसाद वितरण व्यवस्था में लगा दिए जाने के बाद कार्मिकों की कमी खल गई। व्यवस्था के लिए भदेसर तहसीलदार गुणवंत लाल माली दीप्ति धर्माराम जिला थाना प्रभारी ओम सिंह मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर ट्रेलर सहित मंदिर के सभी विभागीय पदाधिकारी तथा कर्मचारी पूरी व्यवस्था को संभाली।
पार्किंग व्यवस्था की कमी खली.. जानकारी के अनुसार मंदिर मंडल की ओर से चिकारड़ा रोड व भादसोड़ा रोड पर तो पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थल था लेकिन आवरी माता रोड भदेसर रोड तथा बानसेन रोड पर पार्किंग की कमी खली वाहनों की पार्किंग सड़क के किनारे एक 1 किलोमीटर तक लंबी हो गई।
अलाव की व्यवस्था… सांवलिया जी मंदिर मंडल ने कस्बे के प्रमुख चौराहे तथा मार्गों पर लकड़ियां डालकर अलाव जलाने की व्यवस्था की या अल्लाह उन यात्रियों के लिए रात भर गुजारने के लिए सही साबित हुए जिन यात्रियों को कस्बे में गेस्ट हाउस होटलों तथा धर्मशाला में कमरे नहीं मिले थे।
पूरे कस्बे में विकसित हो गए बाजार.. पार्किंग व्यवस्था कस्बे से बाहर हो जाने के कारण पूरे कस्बे में दिन रात सरदारों की चाल पल रही इस वजह से गली मोहल्लों में भी बाजार विकसित हो गए तथा लोगों ने जमकर खरीदारी की।

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