महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस शौर्य दिवस के रुप में मनाया युवाओं ने
कुराबड़,करण सिंह सिसोदिया ।
महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस 25 दिसंबर को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है उनका शहीदी दिवस समाजसेवी अनोप जाट एवं उनकी टीम ने कार्यालय सेक्टर 6 उदयपुर में पुष्प अर्पित व श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाया
समाजसेवी अनोप जाट ने बताया कि महाराजा सूरजमल केवल जाट समाज के महानायक नहीं बल्कि सभी वर्गों के हितेषी और आदर्श थे उन्होंने गरीब कमजोर और जुल्म के खिलाफ लड़ाईया लड़ते लड़ते शहीदी प्राप्त की उन्होंने 80 युद्ध लड़े लेकिन वह कभी पराजित नहीं हुए उनकी बहादुरी की मिसाल इतिहास के किताबों में दर्ज है ऐसा गौरवपूर्ण इतिहास दुनिया में शायद ही किसी और राजा कर रहा होगा वह एक योद्धा के साथ-साथ दूरदर्शी और वैज्ञानिक भी थे राजस्थान के लोहागढ़ किले का निर्माण उन्होंने इस तरीके से किया कि आज तक कोई उसे भेद नहीं पाया अंग्रेजों और मुगलों ने वहां पर 13 बार आक्रमण किया लेकिन उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ी उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा महाराजा सूरजमल उनके वारिसों ने तीन बार दिल्ली जीती और अनोप जाट ने आज के युवाओं को उनके आदर्शों पर चलने के लिए कहा और साथ ही कहां जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमेशा अग्रसर रहना चाहिए इस अवसर पर ईश्वर सिंह राठौड़, प्रकाश मईडा़ , नाथू लाल, हरचंद , लक्ष्मण, पंकज , दुर्गेश कुमार और साथ में आजाद टीम के सभी युवा मौजूद रहे