आसपुर : जैन समाज का झारखंड सरकार के खिलाफ फूटा आक्रोश,सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन के तहत एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

आसपुर,प्रवीण कुमार कोठारी । जैन समाज का मुख्य तीर्थ स्थल पारसनाथ पर्वत राज की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण को लेकर रविवार को आसपुर एसडीएम को देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री व डूंगरपुर बांसवाड़ा के सांसद कनक मल कटारा के नाम ज्ञापन सौंपकर सम्मेद शिखर बचाओ को लेकर उचित कार्यवाही की मांग की है।

आसपुर एसडीएम दिव्यराज सिंह चुंडावत को सौंपे ज्ञापन में आसपुर, रामगढ़ के सकल जैन समाज के तत्वाधान में दिए गए ज्ञापन में बताया कि पारसनाथ को वन्य जीव अभ्यारण पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान की सूची से बाहर करने की मांग की है ।वही सम्मेद शिखर को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसेटिव जॉन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग और तीर्थ माना जाता है ,लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को अविलंब रद्द किया जाए।

सम्मेद शिखर और मधुबन को मांस मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित करने, पर्वतराज की वंदना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, सामान जांच हेतु सीआरपीएफ, स्कैनर, सीसीटीवी कैमरे सहित दो चेकपोस्ट, चिकित्सा सुविधा सहित बनाए जाएं। पर्वतराज से पेड़ों की अवैध कटाई, पत्थर का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो। वही बताया कि 15 जनवरी को पार्श्वनाथ पर्वतराज पर हजार लोगों की भीड़ चढ़ी लेकिन पर्वतराज की सुरक्षा और पवित्रता पवित्रता हेतु स्थानीय पुलिस प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं थी।

जिसके कारण अजैन लोगों ने पवित्र जैन तीर्थंकर मोक्ष स्थलियो पर जूते चप्पल के साथ बैठकर उनका अपमान किया। जिसकी वीडियो वायरल होने पर जैन समाज में आक्रोश पैदा हुआ। यदि समय रहते सम्मेद शिखर तीर्थ राज को स्वतंत्र पहचान नहीं दी गई तो जैन समाज उग्र आंदोलन के लिए अग्रसर होगा ।जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकारों की रहेगी । इस अवसर पर आसपुर ,रामगढ़ ,बड़ौदा, बनकोडा, कतिसौर सहित कई गावो के जैन धर्मावलंबी मौजूद रहे।

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