विदा लेते मानसून ने किसानों को भर-भर रुलाया, भारी बारिश से खरीफ की फसल चौपट

 भींडर उपखण्ड क्षेत्र के बाँसड़ा में लौटते मानसून की बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया है। मानसून सीजन के अंत में कई दिनों से हो रही लगातार बरसात की वजह से खरीफ की फसल चौपट हो गई है। इस बारिश ने खेतों में कटने को तैयार खड़ी फसल और कटी हुई फसल या पैदावार को चौपट कर दिया है। आसमानी आफत से दुखी किसान अब सरकार से मदद की निगाह से देख रहे हैं।

बता दें कि मानसून की विदाई के समय बरसात से खरीफ की फसल सोयाबीन,उडद,मूंग व तिल को ज्यादा नुकसान हुआ है। किसानों ने सोयाबीन,उडद,मूंग,तिल की फसल को काट लिया था मगर खेत में ही छोड़ दिया था सूखने के लिए। लेकिन इसी बीच बरसात का दौर शुरू हो गया इसलिए खेतों में पड़ी सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई।

उदयपुर जिले में के कई गावो में एक ही दिन में इतना पानी बरसा की खेत लबालब हो गए, नदी-नाले पानी से भर गए। भीण्डर के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी बारिश हुई।

बताया जा रहा है कि क्षेत्र के किसानों द्वारा सोयाबीन की फसल लगभग आधी से ज्यादा काट दी गई हैं जो खेतों में सूख रही थी पर इंद्रदेव के बरसने से सोयाबीन सहित मक्का की पैदावार में काफी नुकसान होने की पूरी संभावना है । जिससे किसानों के बुरे हाल है । यह जानकारी गांव के किसान तोलीराम व्यास से संवाददाता को दी ।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इस बार मानसून अच्छा रहा है। कई जिलों को बरसात से बाढ़ जैसे हालातों का सामना करना पड़ा है। लेकिन विदा लेते मानसून की बरसात ने एक तरफ जहां किसानों को दुखी किया तो दूसरी तरफ किसानों को बरसात से फायदा भी है, क्योंकि इस समय की बरसात, रबी की फसल के लिए सोना होती है।

इनपुट कन्हैयालाल मेनारिया

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