चातुर्मास प्रवेश करने हेतु पूज्य महाराज कोमल मुनिजी, महाराज हर्षित मुनिजी फतहनगर से वल्लभनगर विहार के दौरान ईंटाली होते हुए रुंडेड़ा पधारे
इस दौरान जैन स्थानक रुंडेड़ा में हुआ प्रवचन, कोमल मुनिजी ने कहा कि भौतिक चकाचौंध में सुख नही है, सुख धर्म पालन में है
चातुर्मास प्रवेश करने हेतु पूज्य महाराज कोमल मुनिजी, महाराज हर्षित मुनिजी फतहनगर से वल्लभनगर विहार के दौरान ईंटाली होते हुए रुंडेड़ा में मंगल प्रवेश किया, जहाँ जैन संघ रुंडेड़ा द्वारा मुनियों का जयकारों के साथ अगुवाई कर स्वागत किया गया, तत्पश्चात जैन स्थानक रुंडेड़ा में दोपहर में महाराज कोमल मुनिजी का प्रवचन हुआ। प्रवचन में महाराज कोमल मुनि जी ने बताया कि जीवन क्षण भंगुर है इस जीवन को सफल बनाने के लिए धर्म की साधना करके जीवन के सार को पाना है, भौतिक चकाचौंध में सुख नही है, सुख धर्म पालन में है, आज व्यक्ति धन के पीछे पागलो की तरह पड़ा हुआ है, इसका परिणाम नैतिकता, सदाचार, सद्व्यवहार आदि आत्मिक सद्गुण नष्ट होते जा रहे है। जीवन में शांति पाने के लिए क्रोध पर काबू पाना सीख लो। जिसने जीवन से समझौता करना सीख लिया वह संत हो गया। वर्तमान में जीने के लिए सजग और सावधान रहने की आवश्यकता है।
इस बीच लोढा परिवार, खमनोर के द्वारा मेवाड़ उपप्रवतक कोमल मुनिजी को आज्ञा पत्र सौंपा गया, वही रुंडेड़ा संघ द्वारा दीक्षार्थी हिना लोढा का भी आज्ञा पत्र सौंप स्वागत किया गया। दीक्षार्थी/साध्वी हिना लोढा विजय प्रभा के साथ रहकर आगे का कार्य करेगी। इस दौरान मौजूद मुनियों का दीक्षार्थी परिवार की ओर से गुरुवंदन किया गया। ज्ञात रहे है कि कुछ दिनों बाद मुमुक्षु हिना लोढा, खमनोर का दीक्षा समारोह होगा।
चातुर्मास हेतु पूज्य मुनि 9 जुलाई वल्लभनगर प्रस्थान कर रहे हैं। गुरुवार को मुनि नवानिया मे रुकें, तत्पश्चात वहाँ प्रवचन हुआ और शुक्रवार को वल्लभनगर की ओर प्रस्थान करेंगे। जैन स्थानक रुंडेड़ा प्रवचन के दौरान रुंडेड़ा संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, दीक्षार्थी के पिता केशूलाल लोढा, माता संगीता लोढा, दादा गागुलाल लोढा, दादी दुर्गा बाई, भाई महावीर, चाचा भगवतीलाल लोढा सहित कई लोग मौजूद थे।
इनपुट : कन्हैयालाल मेनारिया