उदयपुर के बहुचर्चित नगर निगम 272 प्लॉट घोटाले मामले में SOG ने एक ओर आरोपी को किया गिरफ्तार, अब तक 4 गिरफ़्तार में,फर्जी दस्तावेजों से प्लॉट मां के नाम कराया

उदयपुर,डीपी न्यूज नेटवर्क । नगर निगम के 272 प्लॉटों के बहुचर्चित घोटाले में एसओजी ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसने फर्जी दस्तावेजों से प्लॉट मां के नाम कराया। फिर पावर आफ एटॉर्नी बनाकर अन्य आरोपी को बेच दिया। एसओजी एएसपी स्वाति शर्मा ने बताया कि 272 प्लॉटों के घोटाले में नगर निगम की ओर से वर्ष 2022 में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसमें बताया कि हिरण मगरी सेक्टर-11 में निगम का 747 नंबर प्लॉट है।

यूपी के गोरखपुर हाल मल्लतलाई निवासी राजदीप वाल्मिकी ने यूआईटी के आवंटन पत्र और कार्यालय टिप्पणी के फर्जी दस्तावेज बनाए। फिर प्लॉट को मां गीता देवी के नाम कर दिया। फिर खुद के नाम पर प्लॉट की पावर एटॉर्नी बनाई और राजेन्द्र धाकड़ को बेच दिया। इस मामले में राजदीप वाल्मिकी को गिरफ्तार किया। एसओजी आरोपी से पूछताछ कर रही है।

प्लॉट घोटाले मामले में एसओजी अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। 7 से 13 नवंबर के बीच एसओजी ने गुजरात के पंचमहल के पूर्व वार्ड पंच राकेश सोलंकी व उदयपुर निवासी दीपक सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके बाद गत 21 नवंबर को किशनलाल और गत 12 दिसंबर को राजेन्द्र धाकड़ को पकड़ा था। नगर विकास प्रन्यास ने साल 2012 में नगर निगम को कुछ कॉलोनियां हस्तांतरित की थीं। इनमें कई भूखंड खाली और अधिकांश कॉर्नर के थे। सारसंभाल नहीं करने से लोगों ने इन पर कब्जा कर लिया।

कई भूखंडों के फर्जी दस्तावेज बनवाकर नामांतरण खुलवा लिए गए। कुछ को दलालों ने बेच दिया। इस मुद्दे को साल 2022 में कांग्रेस सहवृत पार्षद अजय पोरवाल ने उठाया था। जांच के बाद 48 पट्टों को निगम ने निरस्त कर दिया। इस बीच पंजाब के गर्वनर गुलाबचंद कटारिया और वर्तमान विधायक ताराचंद जैन ने भी इस मुद्दे को उठाया था। साथ ही इसे 500 करोड़ रुपए का घोटाला बताया था। अप्रैल 2022 से एसओजी मामले की जांच कर रही है।

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