एक ही चिता पर हुआ सांस और बहु का अंतिम संस्कार : सास की मौत के सदमे में बहु ने भी दम तोड़ा ; शव से लिपटकर रोते रोते हुई थी बेहोश

ऋषभदेव,डीपी न्यूज नेटवर्क । ऋषभदेव के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में सास की मौत के सदमे में बहू ने भी दम तोड़ दिया। सास का शव घर लाते ही बहू दहाड़े मारकर रोने लगी और बेहोश हो गई। उसे तुरंत हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। दोनों की घर से एक साथ अर्थी उठते ही नाते-रिश्तेदारों और परिवार के लोगों की आंखें नम हो गई। मंगलवार को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। गांव में किसी के भी घर चूल्हा तक नहीं जला। सास-बहू कल्याणपुर थाना क्षेत्र के पंडयावाड़ा गांव की रहने वाली थी। बताया जा रहा है कि सास-बहू दोनों का एक-दूसरे के प्रति गहरा रिश्ता था।

दरअसल, पंडयावाड़ा निवासी भूरी बाई (90) पत्नी अन्दर्जी जोशी की सोमवार रात 9 बजे अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। परिवार के लोग उन्हें गांव से करीब 15 किमी दूर डूंगरपुर में सरकारी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजन आधे घंटे बाद उनका का शव लेकर घर पहुंचे। सास की मौत होने का पता चलते और उनका शव देखते ही बहू उषा (50) पत्नी गोपाल जोशी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

बहू अपनी सास के शव से लिपटकर बिलखने लगी। घरवालों ने संभाला लेकिन वे रोती रही और बेहोश हो गई। तबीयत बिगड़ने और होश नहीं आने पर परिजन बहू को भी डूंगरपुर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सास की मौत के करीब एक घंटे बाद ही बहू ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि वह अपनी सास की मौत का गम सहन नहीं कर पाई।

भूरी बाई के तीन बेटे हैं, जिनमें से उषा सबसे बड़ी बहू थी। उषा के पति पोस्टमैन हैं। दूसरा बेटा महाराष्ट्र में चाय की कैंटीन चलाता है जिसकी पत्नी की करीब 6 साल पहले मौत हो गई थी। सबसे छोटे बेटे की गांव में किराना की दुकान है। उषा के दो बेटे है। दोनों बेटे साथ में ई-मित्र और किराना की दुकान करते हैं साथ ही खेत बाड़ी का काम भी संभालते हैं।

 

 

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