लालच देकर हमारी आस्था को बदलने की कोशिश,चिकनी-चुपड़ी बातें कर और हितैषी बनकर हो रहा प्रयास; विभाजनकारी ताकतों को बढ़ावा नहीं दें – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उदयपुर,डीपी न्यूज नेटवर्क । उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- देश में एक कुप्रयास हो रहा है। आजकल देश में चिकनी-चुपड़ी बातें कर और हमारा हितैषी बनकर, हमें लालच देकर हमारी आस्था को बदलने की कोशिश हो रही है। हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारी नींव है। जब नींव हिल जाएगी तो कोई भी इमारत सुरक्षित नहीं रहेगी। उन्होंने कहा- सुनियोजित तरीके से, षड्यंत्रकारी तरीके से, प्रलोभन देकर आकर्षण करने की प्रक्रिया जो मैं देख रहा हूं, उस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। जनजाति वर्ग भारत की ताकत है, शौर्य है। आप विभाजनकारी ताकतों को बढ़ावा नहीं दें। राष्ट्र की एकता, परिवार की एकता, समाज की एकता, समाज में समरसता, नागरिक का दायित्व है। ये हमारा धर्म है।
उप राष्ट्रपति शनिवार को उदयपुर दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने कोटड़ा में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित जनजाति गौरव महोत्सव में लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- जंगल हमारी सांस है, लेकिन हम जंगलों को दूसरे तरीके से देखते हैं। इन्हें लालच की नजर से नहीं देखा जा सकता है। वनवासी कल्याण का जो कार्य, समर्पण और सेवा का काम है और यह अच्छा काम हो रहा है।
उन्होंने कहा- मैं जहां भी जाता हूं, मंत्रमुग्ध हो जाता हूं जनजाति की शैली, उनका कल्चर, उनका म्यूजिक, उनकी प्रतिभा, खेल हो, चाहे कुछ भी हो। पर देश में एक कुप्रयास हो रहा है। चिकनी-चुपड़ी बातें करके, हमारा हितैषी बनकर, हमें लालच देकर, हमें लुभाकर, हमारी आस्था को बदलने की कोशिश हो रही है। सुनियोजित तरीके से, षड्यंत्रकारी तरीके से, प्रलोभन देकर आकर्षण करने की प्रक्रिया जो मैं देख रहा हूं, उस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
धनखड़ ने कहा- जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पूरी दुनिया लगी हुई है। आप लोग वे हैं, जो धरती को नमन करते हैं, पूजा करते हैं। आपसे सीख ले लेते तो इस बर्बादी के किनारे विश्व नहीं आता। सब जानते हैं कि हमारे पास रहने की दूसरी पृथ्वी नहीं है। भगवान बिरसा मुंडा वो व्यक्ति थे जिन्होंने हमें ये कहा- “जल जंगल जमीन”। ये शब्द नहीं हैं, ये जीवन शैली है। जनजाति के लोग हमें सिखाते हैं कि पर्यावरण क्या होता है, स्वदेशी क्या होता है, कुटुंब क्या होता है और व्यक्ति का दायित्व क्या होता है।
उप राष्ट्रपति ने कहा- मैं आपको यही कहूंगा, खास तौर से, बच्चे और बच्चियों को, आप शिक्षा पर ध्यान दें। हिंदुस्तान आपके द्वारा बदला जाएगा। आपके सामने कोई सीमा नहीं है। आज के दिन भारत बदल रहा है। भारत में सही लोगों को स्थान मिल रहा है। हम सच्ची आजादी के शहद को आज के दिन देख रहे हैं, उपयोग कर रहे हैं। भारत की जो अर्थव्यवस्था है, उसमें आपके विकास के लिए कोई पैसे की कमी नहीं है।
उन्होंने कहा- दुनिया में पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था में भारत है। कभी भारत कमजोर पांच में गिना जाता था। देश ने कनाडा, इंग्लैंड को पीछे छोड़ा है और अब जापान और जर्मनी का नंबर है। ये विकसित भारत का हवन तब ही सफल होगा, जब इसमें जनजाति वर्ग के लोग महत्वपूर्ण आहुति देंगे। वो अब आ रही है, इसने गति पकड़ी है। अब ये किसी के रोकने से नहीं रुकेगी।
धनखड़ ने कहा- आज के दिन उस महापुरुष बिरसा मुंडा को याद कर एक प्रण लेना चाहिए कि हमारे में ऊर्जा आनी चाहिए। आप विभाजनकारी ताकतों को बढ़ावा नहीं दें। राष्ट्र, परिवार और समाज की एकता नागरिक का दायित्व है।
धनखड़ ने कहा- किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रहित को नीचा नहीं करेंगे। देश के कानून में बहुत बड़ा बदलाव किया गया है। महिलाएं लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रही हैं। लोकसभा में एक तिहाई महिलाएं होंगी। महिलाओं की उपस्थिति दूसरों को बताएगी कि आप में क्या ताकत है, क्या सोच है, क्या नीति निर्माण का तरीका है।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में मोहनलाल सुखाड़िया स्मृति व्याख्यान में पहुंचे और स्टूडेंट्स को संबोधित किया। उन्होंने सुखाड़िया को याद करते हुए कहा- वे 17 साल तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। वे कई राज्यों के राज्यपाल भी रहे।
धनखड़ ने कहा- हमें कुटुम्ब का ध्यान देना चाहिए। बड़ों का सम्मान करना और उन्हें समय देना चाहिए। उन्होंने अपने कॉलेज के अनुभव याद करते हुए कहा- पढ़ाई के दौरान मुझे बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। उस समय मैं किताबें भी नहीं खरीद सकता था। हमारे समय न बिजली थी न सड़क। अब एजुकेशन का स्ट्रक्चर बेहद मजबूत है।
