मेनार के ढंड तालाब पर इस भीषण गर्मी में भी मेहमान परिंदा ग्रेटर फ्लेमिंगो दर्ज करवा रहा है अपनी उपस्थिति
ढंड तालाब मेनार पर अभी 100 से भी ज्यादा संख्या में देखे जा रहे है ग्रेटर फ्लेमिंगो
डीपी न्यूज़ : कन्हैयालाल मेनारिया
वल्लभनगर । मेनार के दोनों जलाशयों ढंड तालाब एवं ब्रह्म सागर पर सर्दी की शुरुआत के साथ ही देशी-विदेशी पक्षियों के आने का क्रम जारी हो जाता है, जो करीब 5 माह तक इन जलाशयों की शोभा बढ़ाते है और यही प्रवास करते है लेकिन गर्मी शुरू होने पर यह मेहमान परिंदे धीरे धीरे अपने वतन की ओर लौट चले जाते है। इस बार प्रदेश सहित क्षेत्र में भी भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और आमजन का तो दिन में घर से बाहर निकलना तक दुश्वार है, ऐसे में भी मेनार ढंड तालाब पर अभी मेहमान परिंदा ग्रेटर फ्लेमिंगो देखा जा रहा है और ग्रेटर फ्लेमिंगो ढंड तालाब में करीब 100 से भी ज्यादा संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे है। स्वच्छ पानी का संग्रह और मिट्टी में मौजूद लवणीय तत्वों में नमक की मात्रा के कारण फ्लेमिंगो को भोजन की भरपूर उपलब्धता के कारण यह जगह फ्लेमिंगो को रास आ रही है और भोजन की भी प्रचुर मात्रा मिलने से यह पक्षी अभी तक यही है।
इस भीषण गर्मी में मेनार ढंड तालाब में पानी की प्रचुर मात्रा होने से और यहाँ का वातावरण इस पक्षी को भाने से यह पक्षी अपने पैर यहाँ इस गर्मी में जमाये हुए है और आये दिन पर्यटक भी यहाँ आकर घंटो बैठकर इस पक्षी अटखेलियाँ अपने कैमरे में कैद कर रहे है। पक्षी प्रेमी बताते हैं कि ग्रेटर फ्लेमिंगो एक टांग पर खड़े रहना व फ़ूड शेयर करने की अदा के साथ लाल टांगे, लाल चोंच से अठखेलियां पक्षी प्रेमियों एवं ग्रामीणों को लुभा रही है। जिससे कई पक्षी प्रेमियों ने तालाब के बेक वाटर में जाकर इस खूबसूरत पक्षी की अठखेलियों को निहार रहे हैं और अपने कैमरों में कैद कर रहे है।
ग्रेटर फ्लेमिंगो का मूल ठिकाना यूं तो अफ्रीका, यूरोपीय देश के साथ ही दक्षिण एशिया में है, लेकिन सर्दियों में भारत के कुछ भागों से अन्य स्थानों पर प्रवास करता है। इस पक्षी की खासियत यह है कि एक टांग पर करीब 3 से 4 घंटे तक खड़े रह सकता है। इसी मुद्रा में यह नींद भी ले सकता है। इस पक्षी की भव्यता तब दिखती है जब यह उड़ान भरता है। अपने लंबे पंखों को विस्तार देकर यह 2-3 बार पंख फड़फड़ाकर उड़ान भरता है। इनकी सबसे खूबसूरत अदा होती है जब यह अपनी लंबी गर्दन घुमाकर एक दूसरे के साथ फूड शेयरिंग करते हैं। तब दोनों की गर्दन मिलकर घुमाव से दिल का आकार ले लेती है जो की कई पक्षी प्रेमियों को आकर्षित करती है।