मूरारी बापू ने किया विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण
विश्वास ने लिया स्वरूप, भक्ति संग आनंद में रमी श्रीजी नगरी
नाथद्वारा । विश्वास के बिना स्वरूप और स्वरूप के बगैर विश्वास का अटल होना ठीक वैसे ही है जैसे पानी पर आखर लिखना और रेत पर आशियाना। इसी विश्वास और स्वरूप की प्रतिमूर्ति विश्वास स्वरूपम का उद्घाटन हुआ तो ये पक्तियां साकार होती नजर आई। शनिवार को ततपदम् उपवन की ओर से गणेश टेकरी पर निर्मित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण व संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित रामकथा महोत्सव की शुरुआत हुई। इसमें राष्ट्रीय संत मोरारी बापू ने अपने मुखारविंद से श्रोताओं को रामकथा का रस पान करवाया। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित कई दिग्गज हस्तियों ने भी शिरकत की। इधर, विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण महोत्सव का साक्ष्य बनने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रोता नाथद्वारा पहुंचे। दीवाली के बाद भी श्रीजी नगरी में उत्सवी माहौल बना हुआ है। शनिवार शाम 4 बजे मोरारी बापू विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण किया करीब 10 साल के लंबे इंतजार को विराम लगा।

अतिथि
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पुनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड़, आरटीडीसी चैयरमेन धर्मेन्द्र राठौड़, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, गुलाबचंद कटारिया, चिदानंद स्वामी, योग गुरू बाबा रामदेव, राजसमंद सांसद दिया कुमारी, चित्तौडग़ढ़ सांसद सी.पी. जोशी आदि भी शनिवार को इस ऐतिहासिक पल के साक्ष्य बने। आयोजकों की ओर से देर शाम तक भी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। दिग्गज हस्तियों के आवागमन को देखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह चाक चौबंद रही। राजसमंद जिला कलेक्टर निलाभ सक्सेना, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी आदि प्रशासनिक अमले के साथ मुस्तैद रहे।
आकर्षक रही व्यासपीठ, बनी नई नगरी

रामकथा को लेकर बनाई गई व्यासपीठ भी आकर्षण का केन्द्र रही। व्यासपीठ पर हमेशा की तरह हनुमान प्रतिमा के साथ ही एक तरफ मंगला दर्शन की श्रीनाथ जी की छवि तथा दूसरी तरफ ब्रह्माण्ड की छवि ने सबका मनमोह लिया। संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के प्रथम दिन शनिवार को शाम 4 बजें रामकथा का आयोजन हुआ। दूसरे दिन रविवार से दिन आठ दिन रोजाना सुबह 10 बजे से प्रतिदिन रामकथा का आयोजन होगा। रामकथा के साथ ही चार दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया होगा। सांस्कृतिक संध्या 2 नवम्बर से प्रारंभ होगी। 2 नवम्बर को गुजराती कलाकार सिद्धार्थ रांधेडिय़ा, 3 नवम्बर को हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति देंग 4 नवम्बर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इसमें विख्यात कवि कुमार विश्वास के साथ ही अन्य ख्यातनाम कवि काव्य रस से माहौल को शिव रस से सरोबार करेंगे। सांस्कृतिक संध्या के अंतिम दिन 5 नवम्बर को सिंगर कैलाश खेर स्वर लहरियों से समा बांधेंगे।
नि:शुल्क बस सेवा, ग्रामीण अंचलों से उमड़ी भीड़
श्रोताओं के प्रतिदिन कथा स्थल पर आने जाने के लिए आयोजन समिति संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से गांव गुड़ा, बड़ा भाणुजा, सलोदा, घोड़च, देलवाड़ा, थामला, मोगाना, आकोदड़ा रूपावली, सायों का खेड़ा, बामनहेड़ा, सुन्दरचा, जोशियों की मादड़ी, बेरन कोटड़ी, माणकावास, नेड़च, सगरूण, वाटी कदमाल, सेमल, उनवास, छोटा भाणुजा, कोषीवाड़ा, उसरवास सहित आस पास के गांवों से नि:शुल्क बस सेवा की व्यवस्था की गई है।