उदयपुर समेत 28 शहरों में युद्ध के दौरान हमले से बचने के लिए कल होगी मॉक ड्रिल : सायरन बजते ही अंधेरे में डूबेंगे (ब्लैकआउट) सभी शहर
उदयपुर,डीपी न्यूज नेटवर्क । केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद राजस्थान के उदयपुर ,जयपुर, जोधपुर एवं कोटा समेत 28 शहरों में भी युद्ध के दौरान होने वाले हमले से बचने के लिए कल 7 मई को मॉक ड्रिल होगी। तीन कैटेगरी में बांटे गए शहरों में कोटा और रावतभाटा (चित्तौड़गढ़) को सबसे संवेदनशील शहरों वाली कैटेगरी में रखा गया है। वहीं, जयपुर सहित 18 जिलों को कम संवेदनशील वाली दूसरी कैटेगरी में रखा गया है। सबसे कम संवेदनशील वाली कैटेगरी में 8 शहर शामिल हैं। इन शहरों में रात में सायरन बजेंगे और ब्लैकआउट भी होगा।
मॉक ड्रिल का टाइम अभी तय नहीं है, लेकिन मंगलवार को जोधपुर, जैसलमेर समेत कई शहरों में मॉक ड्रिल के लिए तैयारी शुरू कर दी है। जैसलमेर, जोधपुर में हवाई हमले से अलर्ट करने वाले सायरन बजाकर देखे गए। सरहदी इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि ऐसी तैयारियां आखिरी बार साल 1971 में देखी गई थीं।
राजस्थान के इन शहरों होगी मॉक ड्रिल
कैटेगरी 1
- कोटा,
- रावतभाटा (चित्तौड़गढ़)
कैटेगरी 2
अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल (बीकानेर), सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर), आबूरोड (सिरोही), नसीराबाद ( अजमेर), भिवाड़ी
कैटेगरी 3
फुलेरा (जयपुर), नागौर, जालोर, ब्यावर, लालगढ़ (श्रीगंगानगर), सवाई माधोपुर, पाली, भीलवाड़ा
कोटा और रावतभाटा सबसे संवेदशील
रावतभाटा में न्यूक्लियर पावर प्लांट है। वहीं, कोटा शहर रावतभाटा से बेहद नजदीक है, इसके साथ ही यहां थर्मल पावर प्लांट भी है। यहां काफी तादाद में यूरेनियम होता है। इस वजह से दोनों शहरों को सबसे संवेदनशील शहरों की सूची मे रखा गया है। वहीं, दूसरी कैटेगरी के कई शहरों में थल सेना, वायु सेना सहित सामरिक दृष्टि से जुड़े महत्वपूर्ण संस्थान हैं।
जाने मॉक ड्रिल के बारे में
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाया जाएगा।
- हमले के समय नागरिकों को खुद की सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग देना ।
- मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैक आउट होगा। उस समय उठाए गए कदमों को रिव्यू करना ।
- महत्वपूर्ण कारखानों और ठिकानों को हमले के वक्त छिपाना।
- लोगों से जगह खाली कराना और उन्हे सेफ प्लेस तक पहुंचाने की ट्रेनिंग
- आम नागरिकों की मदद करने वाली टीम, फायरफाइटर्स, रेस्क्यू ऑपरेशन का मैनेजमेंट करना।
- इमरजेंसी में कंट्रोल रूम और सहायक कंट्रोल रूम की वर्किंग का रिव्यू करना ।
- एयररेड वॉर्निंग सिस्टम की अलर्टनेस चेक करना। एयरफोर्स के साथ हॉटलाइन और रेडियो कम्युनिकेशन को जोड़ना ।