राजस्थान दिवस : जब राजस्थान की राजधानी बना था उदयपुर, मेवाड़ के महाराणा की शर्त को मान गए थे नेहरू-पटेल

Rajasthan: राजस्थान संघ का नाम बदलकर ‘संयुक्त राजस्थान’ कर दिया गया. महाराणा भूपालसिंह को राजप्रमुख और प्रधानमंत्री माणिक्यलाल वर्मा को बनाया गया. मेवाड़ के शामिल होने के बाद उदयपुर को राजधानी शहर भी बनाया गया.
संयुक्त राजस्थान के निर्माण के वक्त उदयपुर बना राजधानी
18 अप्रैल, 1948 को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में, उदयपुर के फतेह प्रकाश पैलेस के दरबार हॉल में विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. तभी राजस्थान संघ का नाम बदलकर ‘संयुक्त राजस्थान’ कर दिया गया. महाराणा भूपालसिंह को राजप्रमुख और प्रधानमंत्री माणिक्यलाल वर्मा को बनाया गया. मेवाड़ के शामिल होने के साथ ही उदयपुर को राजधानी शहर भी बनाया गया.
30 मार्च को राजस्थान का हुआ गठन तो जयपुर बनी राजधानी
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के दस्तावेजों के मुताबिक, 14 जनवरी, 1949 को सरदार वल्लभभाई पटेल भी उदयपुर आए. 2 महीने बाद 30 मार्च 1949 को मेवाड़ के नेतृत्व में अन्य बड़ी रियासतों द्वारा विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद राजस्थान का नया राज्य बना. इसके बाद राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थानांतरित कर दी गई और जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह को राजस्थान का राज-प्रमुख नियुक्त किया गया. वहीं, महाराणा भूपाल सिंह को आजीवन महाराज-प्रमुख के पद पर पदोन्नत किया गया. इसी के चलते 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाने की परंपरा की शुरू हुई.
source : ndtv