जगदीश मंदिर के संरक्षण का काम अधर झूल में, संरक्षण कार्य करने वाली एक्सपर्ट संस्था इनटेक को चाहिये पर्याप्त राशि

जगदीश मंदिर की दीवारों पर उगी वनस्पति को हटवाने के लिए राजस्थान के सरकारी विभाग आँख मिचौली का खेल खेल रहे हैं।

इसी क्रम में जिम्मेदारी दिखाते हुए सर्वप्रथम पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने देवस्थान विभाग को पत्र लिखकर जगदीश मंदिर की दीवारों पर उगने वाली वनस्पति को हटाने का आग्रह किया था।

इस पर संज्ञान लेते हुए देवस्थान विभाग ने इंडियन नेशनल ट्रस्ट ऑफ आर्ट कल्चर एंड हेरीटेज को पत्र लिखकर जगदीश मंदिर की दीवारों को जल्द ही वनस्पति मुक्त करने का आग्रह किया था।

मन्दिर की दीवारों को भेदती टहनियाँ

देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त ने इनटेक को लिखे पत्र में कहा कि आपको इस कार्य को 28 फरवरी 2022 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे जिसको आपके अनुरोध पर 22 अगस्त 2022 तक बढ़ा दिया गया था। पत्र में यह भी कहा गया कि इस मामले को लेकर विभिन्न संगठनों संस्थाओं की ओर से कार्यालय को ज्ञापन पत्र आदि दिए जा रहे हैं, जिससे विभाग की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। दर्शनार्थियों में असुरक्षा का भाव पनप रहा है,इसे ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से कार्य प्रारंभ किया जाए।

मन्दिर की दीवारों को भेदती टहनियाँ

लेकिन जगदीश मंदिर के संरक्षण का मुद्दा भोलाराम के जीव की तरह फाइलों में उलझता ही जा रहा है। इंटेक के उदयपुर इकाई के अधिकारी ने सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग को पत्र लिखकर देवस्थान विभाग से जगदीश मंदिर की वनस्पति हटाने और अन्य संरक्षण कार्य करने के लिए पर्याप्त राशि की आवश्यकता बताई है और यह भी कहा है कि आयुक्त कार्यालय को इस विषय मे अवगत भी कराया जा चुका है।

वर्तमान में इनटेक द्वारा कार्य के लागत प्रस्ताव बनवाए जा रहे हैं किन्तु कुछ राशि की अपेक्षा विभाग से भी रहेगी ।

कुल मिलाकर जगदीश मंदिर के संरक्षण का काम अभी अधर झूल में है ।

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