उदयपुर : ओबीसी अधिकार मंच ने सावित्री फुले की जयंती पर किया महिला शिक्षाविदों का सम्मान
उदयपुर,नितेश पटेल । ओबीसी अधिकार मंच राजस्थान की बांसवाड़ा इकाई ने भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती पर जिले मे शिक्षा की अलख जगा रही शिक्षाविदों को सावित्री बाई की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया। मंच के संयोजक डॉ नरेश पटेल ने बताया कि इस अवसर पर गोविंद गुरु राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सीमा भूपेंद्र,हरिदेव जोशी कन्या महाविद्यालय की डॉ सरला पंड्या और जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक रेखा रोत को सम्मानित किया गया।

डॉ भूपेंद्र ने महाविद्यालय मे सावित्री फुले पर खुली प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित करने की सहमती प्रदान की।रेखा रोत जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक ने बताया कि आज भी महिलाए विषम परिस्थिति में पढ़ती हैं। स्थितियों में काफ़ी बदलाव आया है लेकिन अभी भी महिला शिक्षा में काफी सुधार की गुंजाइश हैं।रोत ने राज्य सरकार की महिला शिक्षा को लेकर चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया।
डॉ नरेश पटेल ने बताया कि सावित्री फुले ने विकट स्थिति मे जब महिलाओं को शिक्षा का हक नहीं था तब अपने पति ज्योति राव फुले की प्रेरणा से 18 स्कूल प्रारम्भ किए और समानता का हक दिलवाया।

उन्होंने कहा कि आज महिलाओं की जो सामाजिक स्थिति है और जो बदलाव आया है उसमें बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान सावित्रीबाई फुले का है।उनका योगदान हमेशा जन मानस मे स्मरण रहेगा।सावित्री बाई फुले की प्रथम स्कूल में सभी वर्गो की महिलाओं का प्रवेश किया गया था, इससे पूर्व महिलाओं को पढ़ाने में कई तरह की बंदिशे थी।सावित्री बाई फुले के उस दौर में महिलाओं का पढ़ना धर्म भ्रष्ट करना मानकर समाज के लोगों द्वारा उन पर कीचड़ फेंका जाता था लेकिन आज उनके प्रयासों से स्थिति बहुत बदल गई हैं और आज देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के रूप में एक आदिवासी महिला का विराजमान होना सावित्री बाई फुले की तपस्या का ही नतीजा हैं।