हाईकोर्ट ने युवक की हत्या के आरोपियों की कॉल डिटेल व मृतक की पोस्टमार्टन रिपोर्ट के खुलासे का दिया आदेश
जोधपुर । बांसवाड़ा जिले के अरथूना थाने में 5 माह पुर्व भतार निवासी एक युवक मन्ना लाल की हुई हत्या के नामजद आरोपियों के मामले में अभी तक अभियुक्तों को गिरफ्तार नही करने पर माननीय हाईकोर्ट ने गंभीर मानते हुए पुर्व मे तलब की गयी केश डायरी का अवलोकन करते हुए आपराधिक विविध याचिका पर सुनवाई करते हुए मृतक व सभी आरोपियों की कॉल डिटेल नहीं निकालने व पोस्टमार्टन रिपोर्ट की सही विवेचना नहीं करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी आरोपियों की कॉल डिटेल निकालने व डॉक्टर से पहले किये हुए पोस्टमार्टन रिपोर्ट का पुरी तरह से विश्लेषण करते हुए खुलाशा करने का आदेश दिया है, प्रार्थी विकेश भतार की और से उच्च न्यायालय में अधिवक्ता ओपी सांगवा व भेरूलाल जाट ने आपराधिक विविध याचिका दायर कर माननीय न्यायालय को बताया कि प्रार्थी का भाई मन्ना लाल 13 अप्रैल को घर से बिना कहे निकला था, वापस नहीं लौटने पर उसको ढूंढने का बहुत प्रयास किया लेकिन मिला नहीं, 15 अप्रैल को प्रार्थी के घर से थोड़ी दूर कुए मे मन्ना लाल की लाश पड़ी हुई मिली, पुलिस को सुचना देकर बुलाया व लाश को कुए से बाहर निकाला तो आँख, नाक व मुँह पर चोट लगी हुई थी, पाँव मे रस्सी से रगड व चोट का निशान था, सभी ने हत्या की ही आशंका जताई लेकिन पुलिस ने सिर्फ मृग दर्ज करके इतिश्री करली, मृतक का मेडिकल बोर्ड से मेडिकल तक नहीं करवाया, उसके बाद प्राथी ने थाने पहुंचकर उसके भाई मन्ना लाल की हत्या करके उसकी लाश को कुए मे डालकर ठिकाने लगाने वाले अभियुक्त माजिया निवासी शिल्पा चरपोटा, मोहनलाल चरपोटा, धर्मेन्द्र चरपोटा,प्रियंका चरपोटा, रमिला चरपोटा व भतार निवासी गोविन्द पारगी और जीवन लाल के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज नहीं किया और नहीं कोई कार्यवाही की, प्रार्थी व ग्रामवासियो ने पुलिस अधीक्षक बांसवाड़ा व आईजी उदयपुर को भी लिखित रिपोर्ट दी उनके द्वारा भी अरथूना पुलिस को कार्यवाही के निर्देश देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई, उसके बाद सेंकड़ो ग्रामीणों ने एकत्रित होकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की, फिर भी पुलिस ने मुकदमा तक दर्ज नहीं किया, उसके बाद मृतक के भाई विकेश ने माननीय न्यायालय गढ़ी मे 156(3) मे इस्तगासा पेश करने मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई जिसपर माननीय न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करके अनुसन्धान करने का आदेश दिया, मुकदमा दर्ज होने के 2 माह बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने व मृतक के परिवार वालो को अभियुक्तों द्वारा मुकदमा वापस लेने की धमकिया देने से व्यथित होकर मृतक के भाई ने उच्च न्यायालय की शरण ली , पुर्व मे माननीय उच्च न्यायालय ने केश डायरी तलब की थी, अधिवक्ता सांगवा व जाट ने मृतक के फोटोग्राफ भी पेश किये,जिसमे हत्या की हुई साफ साफ दिखाई दे रहा था, जिसपर राजकीय अधिवक्ता ने बताया की जाँच अधिकारी थानाधिकारी प्रवीण सिंह ने जाँच मे आत्महत्या का मामला बताया और अभियुक्त शिल्पा चरपोटा से मृतक के संबंध थे यह रिपोर्ट भिजवाई है , जिसपर माननीय न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ, जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने मामले को गंभीर मानने हुए व पुलिस की गंभीर लापरवाही मानते हुए सभी आरोपियों की कॉल डिटेल निकालने व पुर्व मे हुई पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे डॉक्टर से पुरी रिपोर्ट के तथ्यों का खुलाशा करने का आदेश दिया है, अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी ।
इनपुट : एडवोकेट भेरुलाल जाट